One Nation One Election In India 2024 : एक चुनाव एक देश भारत में लागू

One Nation One Election 2024:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 19 जून 2023 को एक देश एक चुनाव के बारे में एक संवेदनशील मीटिंग बुलाई गई थी यह मीटिंग लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव को एक साथ कराने के विषय में हुई थी यह पहली बार नहीं है कि इस मुद्दे पर चर्चा हुई है लोकसभा और राज्यों की विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने की यह बहस लंबे समय से चल रही है प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक देश एक चुनाव के विचार को समर्थन किया जा रहा है |

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

एक देश एक चुनाव के विचार के तहत देश में चुनाव चक्र को इस तरह से संरचित करने का प्रस्ताव है आपको बता दें कि इस मसले पर चुनाव आयोग, नीति आयोग, विधि आयोग और संविधान समीक्षा आयोग विचार कर चुके हैं अभी हाल ही में विधि आयोग ने देश में एक साथ चुनाव कराये जाने के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों, क्षेत्रीय पार्टियों और प्रशासनिक अधिकारियों की राय जानने के लिये तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था |

Advertisement

इस विचार पर कुछ राजनीतिक दलों ने सहमति जताई है लेकिन बहुत सी राजनीतिक पार्टियों ने इस विचार का विरोध किया है वह नहीं चाहते कि एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया हमारे भारत देश में लागू हो जब तक इस विचार पर आमराय नहीं बनती है 4 को धरातल पर उतारना नामुमकिन है |

Advertisement

एक देश एक चुनाव की जरूरत क्यों है | One Nation One Election

किसी भी लोकतंत्र में चुनाव में कंदवारी बंदरिया है एवं निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की आधारशिला मानी जाती है भारत जैसे विशाल देश में निर्बाध रूप से निष्पक्ष चुनाव कराना बड़ी चुनौती से कम नहीं है अगर हम देश में हो रहे चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो हमें पता चलता है कि हर वर्ष किसी ना किसी राज्य में है चुनाव करते रहते हैं चुनावों की निरंतरता को देखते हुए देश चुनावी मोड में रहता है |

Advertisement

इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भारी बोझ भी पड़ता है इस पैसे को बचाकर भारत देश के विकास में लगाया जा सकता है इस सबसे बचने के लिये नीति निर्माताओं ने लोकसभा तथा राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने का विचार बनाया जिसके बारे में काफी बार मीटिंग है और चर्चाएं हो चुकी है देश में इसके अलावा पंचायत और नगरपालिका के चुनाव भी होते हैं |

Advertisement

लेकिन भाई से अलग हैं जैसल एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया के अंदर शामिल नहीं होते आपको बता दें कि एक देश एक चुनाव लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ करवाने एक वैचारिक उपक्रम है इस विचार को लागू करना या के धरातल पर उतारने के लिए सुविचार की विशेषताओं को जानना बहुत जरूरी है जो कि आप हमारी पोस्ट में नीचे स्टेप बाय स्टेप बताएगी |

Advertisement
WhatsApp ChannelClick Hear
Telegram GroupClick Hear
You Tub ChannelClick Hear
WhatsApp GroupClick Hear

सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं तथा इसी प्रकार के अन्य किस विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करना है तो आप ऊपर दिए गए व्हाट्सएप तथा टेलीग्राम चैनल से जुड़ जाए और सभी सरकारी योजनाओं के बारे में समय-समय पर जानकारी प्राप्त करें |

वन नेशन वन इलेक्शन उद्देश्य | One Nation One Election

इसी केंद्र सरकार के मोदी सरकार के द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है कि लोकसभा विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना इस मुद्दे पर बहुत बार बैठक मीटिंग की गई है लेकिन अभी तक इस मुद्दे को धरातल पर नहीं उतारा गया है इसका मेन मुद्दे से यही है कि जो चुनाव के दौरान होने वाले करते थे और टाइम है उसको बताया जा सके आम तौर पर चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च होता है और देश में हर वक्त चुनावी माहौल बना रहता है क्योंकि किसी ना किसी राज्य में चुनाव चलते रहते हैं |

और इस दौरान आचार संहिता भी लागू हो जाती है इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक देश एक चुनाव की योजना को लागू करने के लिए इस पर चर्चा की जा रही है अगर यह योजना लागू होती है तो भारत देश का बहुत सा रूप है जो कि चुनाव में लगाया जाता है वह देश के विकास में लगाया जाएगा जिससे हमारे भारत देश की स्थिति भी बदलेगी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी बहुत बार चर्चा कर चुके हैं और जल्दी से पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद लागू किया जाएगा |

One Nation One Election Highlights 2024

आर्टिकलएक देश एक चुनाव के बारे में
के द्वारा लागूकेंद्र सरकार के द्वारा
कब लागू किया गयाCooming Soon
उद्देश्यलोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना
साल 2024
One Nation One Election In India

कब-कब हुए एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव | One Nation One Election

हमारे भारत देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को कई बार एक साथ करवाया गया है जैसे कि देश में 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस व्यवस्था के तहत चार बार चुनाव हुए यह सब चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने के बाद कुछ राज्यों में विधानसभा भंग कर दी गई जिससे एक देश एक चुनाव का सिलसिला या विचार टूट गया |

वर्ष 1971 में भी समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए गए लोकसभा और राज्यसभा की चुनाव एक साथ कराने के बहुत सारे फायदे हैं अगर भारत जैसे बड़े देश में यह प्रक्रिया एक साथ होने लग गई तो भारत देश का बहुत सारा पैसा और टाइल दोनों बचेगा जो भारत के अन्य कार्यों और विकास में लगाया जा सकता है आप सब को तो पता ही है कि किसी ना किसी राज्य में किसी ना किसी टाइम चुनाव रहते हैं |

एक तरफ जानकारों का मानना है कि हमारे देश भारत की जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है इस को ध्यान में रखते हुए लिहाजा एक साथ चुनाव कराना किसी बड़ी चुनौती से कम भी नहीं है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ विश्लेषक कहते हैं कि अगर देश की जनसंख्या बढ़ी है तो तकनीक और अन्य संसाधनों का भी विकास हुआ है एक देश एक चुनाव की विचार को इनकार नहीं किया जा सकता |

लेकिन इससे भी इस विचार की सार्थकता सिद्ध नहीं होती है कि यह विचार कितना कारगर है इस विचार को धरातल पर उतारने के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों की राय लेनी बहुत जरूरी है कुछ विपक्षी पार्टियां इस विचार को खतरा मानती हैं |

चुनाव को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है हमारे भारत देश के और देखे हैं तो हमारे भारत देश में किसी ना किसी राज्य में चुनाव चलते ही रहते हैं इसके चलते आचार संहिता भी लगाई जाती है और काफी खर्च भी वहन करना पड़ता है सरकार को फिर से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार ने एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया को लागू करने का निश्चय किया है |

लेकिन अभी इस पर सिर्फ मीटिंग है और चल रही हैं इसे लागू करने के लिए विपक्ष और पक्ष दोनों की राय जरूरी है अभी 17 वी में लोकसभा के चुनाव में लगभग 60000 करोड रुपए का खर्चा है और इसके चलते लगभग 3 महीने देश चुनावी मोड में रहा जो कि काफी ज्यादा टाइम है इसके चलते आचार संहिता की लगी है |

राजस्थान फ्री तारबंदी योजना आवेदन के लिए यहाँ click hear करे |
राजस्थान विधवा पेंशन योजना आवेदन के लिए यहाँ click hear करे |
राजस्थान पालनहार योजना आवेदन के लिए यहाँ click hear करे |
राजस्थान नई वोटर लीस्ट देखने के लिए click hear करे |
राजस्थान किसान दुर्घटना बिमा आवेदन के लिए click hear करे |

एक देश एक चुनाव के क्या फायदे हैं | One Nation One Election

एक देश एक चुनाव का विचार अगर लागू हो जाता है तो भारत देश को बहुत ज्यादा फायदा होगा जैसे कि खर्च, पार्टी के खर्च आदि पर नज़र तथा नियंत्रण रखने में सहूलियत होगी जब आजादी के बाद लोकसभा 195152 का पहला चुनाव हुआ था तब 53 दलों ने चुनाव में भागीदारी ली थी 1874 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था उस समय भी इस चुनाव का खर्चा लगभग ₹110000000 से अधिक का आया था और वो टाइम अलग था और आज का टाइम अलग है |

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अगर उसकी तुलना करें 610 राजनीतिक दल है लगभग 9000 से ज्यादा उम्मीदवार है इस पर लगभग मीडिया कवरेज के हिसाब से 60 हजार करोड़ ज्यादा खर्च हो चुका है जगजीत राजनीतिक दल अपने खर्चे की जानकारी मीडिया में शो नहीं करते हैं कि चुनाव के दौरान कितना खर्च आया 7 चरणऔर 75 दिनोंमें पूरा वाक्य चुनाव सबसे ज्यादा खर्चीला चुनाव बताया गया है अगर हम किस के आधार पर एक वोट की कीमत को निर्धारित करें हैं |

तो औसतन 1 वोट से ₹700 का पड़ता है लोकसभा चुनाव में अपने क्षेत्र में 100 करोड रुपए से ज्यादा खर्च हुए हैं वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आया था जो कि मात्र 5 वर्षों में बढ़कर 2 गुना हो चुका है इसीलिए सरकार एक देश एक चुनाव के विचार को धरातल पर उतारना चाहती है ताकि यह खर्चा बताया जा सके |

One Nation One Election In India:-

एक देश एक चुनाव के विचार की मदद से सार्वजनिक धन को बताया जा सकता है प्रशासनिक क्षेत्र को सुरक्षाबलों पर खर्चा कम होता है सरकार की नीतियों का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा मशीनरी पर होने वाला खर्चा जो टीवी में अंतर होने वाला खर्चा वह देश के विकास में लगाया जा सकता है इसे विचार को लागू करने के लिए हमें पक्ष और विपक्ष दोनों के तरीकों पर विचार करना जरूरी है वैसे हम इस विचार को देखें तो यह विचार बढ़िया भी है इसे बहुत टाइम और पैसा बच जाता है लेकिन इस विचार पर परामर्श चल रहा है हो सकता है या विचार धरातल पर उतर भी जाए और नहीं भी उतरे |

मतदाता सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को राज्य और केंद्रीय दोनों स्तरों पर परख सकेंगे सत्ता चला रहे राजनीतिज्ञों के लिये यह देखना भी ज़रूरी है कि बार-बार चुनाव होते रहने से शासन-प्रशासन में जो व्यवधान आ जाते हैं उन सभी को दूर किया जाए  किसी विशेष विधानसभा चुनाव में अल्पकालिक राजनीतिक लाभ उठाने के लिये सत्तारूढ़ राजनेता ऐसे कठोर दीर्घकालिक निर्णय लेने से बचते हैं, जो अंततः देश को लंबे समय में मदद कर सकता है |

लोकसभा चुनाव ज्योति कोरोना काल में गए थे यह चुनाव किस प्रकार की प्रक्रिया है कि इसको ताला नहीं जा सकता कुछ गंभीर बीमारी में भी हमारे देश में चुनाव कराए गए थे एक तरफ लॉकडाउन लगा हुआ था दूसरी तरफ रेलिया चल रही थी तो एक देश एक चुनाव का यही महत्व है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के चुनाव एक साथ कराई जाए ताकि देश में फिर से कोई ऐसी स्थिति बने तो हम पहले से ही तैयार रहें |

एक देश-एक चुनाव में चुनौतियां पर विचार | One Nation One Election

  • लोकसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है लेकिन इसे पहले भी भंग किया जा सकता है इसलिए देश में फिर से एक बार चुनाव होंगे इसके तहत एक देश एक चुनाव योजना संभव नहीं है.
  • लोकसभा की तरह विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है और यदि 5 साल से पहले भंग किया जा सकता है अब ऐसे में सरकार के सामने चुनौती होगी कि एक देश-एक चुनाव का क्रम कैसे बरकरार रखा जाए.
  • एक देश एक चुनाव में देश के सभी पार्टियों के दलों को एक साथ लाना सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इस पर सभी पार्टियों का अपना-अपना अलग-अलग मत होता है.
  • ऐसा माना जाता है कि एक देश एक चुनाव से राष्ट्रीय पार्टी को फायदा होगा लेकिन जो छोटी क्षेत्रीय पार्टियां हैं उनको हर्जाना भुगतना पड़ेगा यानी कि एक देश एक चुनाव का विचार अगर लागू हो जाता है तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
  • अभी हमारे भारत देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव को एक देश एक चुनाव योजना के तहत एक साथ करवाया जाए तो यह नियम और वीवीपैट मशीन की मांग भी भारी मात्रा में बढ़ जाएगी जिसे पूर्ति करना किसी बहुत बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

एक देश एक कानून भारत में लागू होगा कि नहीं होगा | One Nation One Election

एक देश एक कानून विचार एकदम सही है इससे चुनाव पर होने वाला खर्चा बताया जा सकता है लेकिन इसे लागू करना इतना आसान नहीं है क्योंकि चुनाव चरम सीमा पर है अभी चुनाव होने वाले हैं तो मंत्रियों सहित पूरा सरकारी अमला बेहद व्यस्त हो जाता है, इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य भी ठप पड़ जाते हैं लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत हर वक्त चुनावों से घिरा रहता है |

इस चुनाव के चक्रव्यू से देश को बाहर निकालने के लिए यह एक अच्छा विचार है इसके तहत जनप्रतिनिधित्व कानून में सुधार, कालेधन पर रोक, राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर रोक, लोगों में राजनीतिक जागरूकता पैदा करना शामिल है इस विचार में एक देश एक चुनाव में कोई भी बड़ी खामी नहीं है लेकिन इसे राजनीतिक दलों के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा है |

इस विचार को अभी इस टाइम लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी चुनाव सर पर हैं  सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर होने वाली बहसों में सहयोग करना चाहिये, इसके बाद ही जनता की राय को ध्यान में रखा जा सकता है। एक परिपक्व लोकतंत्र होने के नाते भारत इसके बाद लिये गए किसी भी फैसले पर अमल कर सकता है |

FAQs एक देश एक चुनाव के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | One Nation One Election In India

Q 1. एक देश एक चुनाव का विचार कौन लेकर आया?

एक देश एक चुनाव का विचार माननीय श्री प्रधानमंत्री जी के द्वारा लाया गया है इस मुद्दे पर बहुत सारी मीटिंग है और बैठ गया हो तो क्या जल्दी इसको लागू किया जाएगा अभी इस पर विचार क्यों चल रहा है |

Q 2. एक देश एक कानून व्यवस्था कब लागू होगी?

अभी हाल ही में तो लोकसभा के चुनाव आ रहे हैं तो इस विचार को अभी लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी इस पर विचार विमर्श चल रहा है पक्ष और विपक्ष की टिप्पणियां चल रही है अभी से लागू नहीं किया जा सकता |

Q 3. एक देश एक चुनाव से हमें क्या फायदा है?

एक देश एक चुनाव व्यक्त योजना से हमें क्या फायदा है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव दोनों एक साथ करवाए जाएंगे जिससे चुनाव में होने वाला खर्च का पैसा बच जाएगा जो देश के विकास में लगाया जाएगा |

Q 4. 2024 में एक देश एक चुनाव करवाया जाएगा?

अभी तुमको कुछ ही समय बनता है और इस विचार पर अभी विचार विमर्श चल रहे हैं पक्षी बस की टिप्पणियां चल रही है तो 2020 के चुनाव में एक देश एक चुनाव योजना के तहत चुनाव नहीं कराए जाएंगे 2024 में पहले की तरह ही चुनाव कराए जाएंगे |

Q 5. एक देश एक चुनाव योजना का क्या उद्देश्य है?

एक देश एक चुनाव योजना का मुख्य उद्देश्य है चुनाव पर लगने वाला भारी-भरकम खर्च को रोकना और उस कर्ज को देश के आर्थिक विकास में लगाना इस देश की तरक्की हो सके |

1 thought on “One Nation One Election In India 2024 : एक चुनाव एक देश भारत में लागू”

  1. Pingback: Madhya Pradesh Job Card Online Apply 2024 : मध्य प्रदेश जॉब कार्ड आवेदन फॉर्म कैसे भरे 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top